ऐ जहाँ के जांननिसारो, जल्द से जग जाईये !
जाहिरा हरिनाम ने, तुम को पुकारा है !!
गुले–राअना की नजाकत, देखेगा ये जहाँ ! तलब दीदार की दर पै, इसलिए वे हैं !
नसीमे–सुबह लेके, हरिनाम आया है !! हर नाम उल्फत मे, अश्क नैनो से जरी है !!
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- हरजा जहाने–दीगर है, मालूम होता है !
हरिनाम किस ओहम में तू, वक्त खोता है !!
ज़ालिम कयामत ही रूहानियत कद हो गयी !
समझा नहीं हरिनाम तो समझा के छोड़ूगा !!
आसारे–अयां ये जहां, आसारे-निहां और है !
हरिनाम मुर्शिद कहन पर, क्यों न करता गौर है !!
- तर्के उल्फ़त में – अज़ाबका आलम !
मुर्शिदे कामिल को है, दस्ते दुआ, दस्ते दुआ, दस्ते दुआ !!
- तबस्सुम के गुल लूटते हुए चले आईये !
होसलाये दीद से, हरिनाम पाईये !!
- है हरिनाम तेरे जल्वों में समाया !
तबस्सुमे – जाना में जान जाना लाजिम है !!
- हरिनाम अब उल्फत का मजा आता है !
खुद ब खुद दिल में खुदा समां जाता है !!
- हरिनाम राहे मंजिल में एक ख्याल है !
शुक्रिया है शुक्रिया, हर बार मेरी शुक्रिया है !!