हरजा जहाने – चेतावनी

ऐ जहाँ के जांननिसारो, जल्द से जग जाईये !

जाहिरा हरिनाम ने, तुम को पुकारा है !!

 

 

    गुलेराअना की नजाकत, देखेगा  ये जहाँ !                तलब दीदार की दर पै, इसलिए वे हैं !

    नसीमेसुबह लेके, हरिनाम आया है !!                      हर नाम उल्फत मे, अश्क नैनो से जरी है !!

 

………………………………………………………………………………………………………………………………

 

 

  • हरजा जहाने–दीगर है, मालूम होता है !

हरिनाम किस ओहम में तू, वक्त खोता है !!

ज़ालिम कयामत ही रूहानियत कद हो गयी !

समझा नहीं हरिनाम तो समझा के छोड़ूगा !!

आसारे–अयां ये जहां, आसारे-निहां और है !

हरिनाम मुर्शिद कहन पर, क्यों न करता गौर है !!

  • तर्के उल्फ़त में – अज़ाबका आलम !

मुर्शिदे कामिल को है, दस्ते दुआ, दस्ते दुआ, दस्ते दुआ !!

  • तबस्सुम के गुल लूटते हुए चले आईये !

होसलाये दीद से, हरिनाम पाईये !!

  • है हरिनाम तेरे जल्वों में समाया !

तबस्सुमे – जाना में जान जाना लाजिम है !!

  • हरिनाम अब उल्फत का मजा आता है !

खुद ब खुद दिल में खुदा समां जाता है !!

  • हरिनाम राहे मंजिल में एक ख्याल है !

शुक्रिया है शुक्रिया, हर बार मेरी शुक्रिया है !!