भजन – स्‍थान व अवतार विवरण

मदीना मथुरा वही अयोध्या,  संम्भल नाम करारी है।

केन्द्र बिन्दु पर रहें हमेशा, कह गये आप खरारी है।। टेक।।

जितने ग्रन्थ धरा पै सारे, लिख गये बात – हमारी है।

मय कौसर का ज्ञान है भाई, जाने नही – शराबी है ।। 0 ।।

आतम ज्ञान  गूढ अति भारी, मन बुद्धि बात – खराबी है ।

लीला घाम को, तुम पहिचानो, ये ही सीख हमारी है ।। 0 ।।

एक जगह हैं तीर्थ सभी,  यह सोचो ज्ञान बिचारी है ।

गुरु प्रभू यह  ज्ञान बतावें, खोलो ज्ञान – किबारी है।। 0 ।।

मथुरा में मथुरा पहिचानो,  भूल हो गयी – भारी है ।

ज्ञानी जन खोजेंगे ऐसे, काक चेष्टा  – जारी है।। 0 ।।

कह कुम्हार गदहे से ऐसे, छड़ी से  बच – बच जारी है ।

सोचो, समझो गौर करो, पैड छूटते लदना – भारी है।। 0 ।।

बाम अंग या कनपटी से, सूअर कहे  मौत – हमारी है।

पारवती सूअरिया आवै, तब यह नाम – किरारई है।। 0 ।।

सर्वतो  भद्र में भेद छुपा है, लीजे ज्ञान सुधारी है।

हर जी मण्डल खोजो भाई, कह  हरनाम विचारी है।। ।।

दिनांक : १६.१०.२०१९ दोपहर को

हरनाम सिंह महाराज जी द्वारा रचित

 

 

  कृष्ण जन्म – राम जन्म

सोच समझ कर हमें बताओ, है कोई बात बताने की ।। टेक।।

कृष्ण जन्म कालिया जन्म, कहो कैसे हुआ भाई।

खीरा पेट चीर कर करते, बात समझ नहीं आई ।।

है कोई बात ठिकाने की ।। १ ।।

मानव उत्पत्ति खीरा से हो, देओ हमें बतलाई ।

या कोई इसमें और भेद है, साफ़ देओ समझाई ।।

है कोई बात कमाने की ।। २ ।।

बालम खीरा कहते इसको, करता पेट सफाई ।

कूट पीस कर चूरन में, डाला जाता है भाई ।।

मेरी बात समझ नहीं आने की ।। ३ ।।

दही, शहद, घी, गंगाजल, तुलसी, मिश्री चरणामृत क्यों ।