दु जहाँ को जाने बिना, आई मुसीबत भारी है ।। टेक ।। मय – कौसर का पान करो. मगार के अन्दर जारी है।। १ ।।…
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शेर-गजल
इब्तिदाऐ – इश्क का आलम है ! हरिनाम इन्तिहा में कुछ वक्त लगता है !! हसरते दीदार में हरिनाम की रूहें ! खुद खुदा के…
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