गुरूदेव वाणी-4

Date: 27.12.2024

 

गोशये-तन्हाई और,
इक याद है तेरी।
हरिनाम अंदाज़े-करम
को खोजता हूं।।

न हम रहे सलामत,
न ये वागे जहां रहे।
कैदे कफस से छूट,
ओ हरिनाम जल्दी से।।

Date: 28.12.2024

हर बजह हरिनाम की,
रूहानियत की है।
खुदाई हुक्म है हरिनाम,
इस में क्या करें।।

या रव मेरे गुनाहों की,
मुझ को सजा देना।
हरिनाम गुनाह न करे,
ऐसी दुआ-देना।।

एहवाले- सौक मुक्त को,
मजहबी मुखड़े की है।
हरिनाम सारी दुनिया की,
मुझको कोई ग़म नहीं।।

........