मंदिर के बारे में
कबीरा तेरो घर कंदला में, यह जग रहत भुलाना
हरि आवे हरिनाम समावे, हरि मो हरि को जाने ।
हरि-हरि कहे तरे नहिं कोई, हरि भजि लोक पयाने ।।
महाराज जी का वर्तमान मंदिर पूर्व में एक फूंस की झोपड़ी था ।
मंदिर के बारे में
कबीरा तेरो घर कंदला में, यह जग रहत भुलाना
हरि आवे हरिनाम समावे, हरि मो हरि को जाने ।
हरि-हरि कहे तरे नहिं कोई, हरि भजि लोक पयाने ।।
महाराज जी का वर्तमान मंदिर पूर्व में एक फूंस की झोपड़ी था ।