अयोध्या क्र. सं. धर्म ग्रन्थ पेज खण्ड विषय १ वाराह पुराण ५४५ १६३ अध्याय अयोध्या २ श्रीराम भक्ति अंक, कल्याण वर्ष ६८, अंक १…
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शेर-गजल
इब्तिदाऐ – इश्क का आलम है ! हरिनाम इन्तिहा में कुछ वक्त लगता है !! हसरते दीदार में हरिनाम की रूहें ! खुद खुदा के…
View More शेर-गजलहरजा जहाने – चेतावनी
ऐ जहाँ के जांननिसारो, जल्द से जग जाईये ! जाहिरा हरिनाम ने, तुम को पुकारा है !! गुले–राअना की नजाकत, देखेगा ये…
View More हरजा जहाने – चेतावनीभगवान भक्त हरी हर
भगवान भक्त हरी हर क्रसं. धर्मग्रन्थ पेज नं. अध्याय लेखक/ टीकाकार विवरण 1. स्ंक्षिप्त शिवपुराण गीताप्रेस गोरखपुर 193 249 361 रूद्र संहिता कोटि रूद्र संहिता…
View More भगवान भक्त हरी हरएक से अनेक – अनेक से एक
एक से अनेक – अनेक से एक क.सं. धर्म ग्रन्थ पेज नं. खण्ड/अध्याय विवरण १. सं. स्कन्द पुराण ७२० ४२६ ८७८ आबन्स खण्ड अबली क्षेत्र…
View More एक से अनेक – अनेक से एकपुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः क्षेत्रीय पहचान
क्षेत्रीय पहचान– विश्व के साढ़े तीन करोड़ स्थल नकल प्रमाण (सांकेतिक स्थल) जैसे- अयोध्या मथुरा वृन्दावन काशी द्वारिका आदि सांकेतिक स्थल हैं, जो गणना में…
View More पुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः क्षेत्रीय पहचानपुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः आध्यात्मिक पहचान (विद्या)
आध्यात्मिक पहचान (विद्या) – दो प्रकार की विद्या होती है – परा और अपरा गुरू विशेष अपरा को जनाते हुए परा विद्या में व्यक्तिगत अनुभव…
View More पुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः आध्यात्मिक पहचान (विद्या)पुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः व्यावहारिक पहचान
व्यावहारिक पहचान– वह अपने नाम के आगे श्री श्री 108 श्री, महामण्डलेश्वर आदि उपाधि नहीं लगायेगा। कभी किसी से किसी प्रकार की दक्षिणा या फीस…
View More पुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः व्यावहारिक पहचानपुरूष विशेष (गुरू या निष्कलंक अवतार) पहचानः शारीरिक पहचान
शारीरिक पहचान– पैर में पदम होगा। हाथ में कमल होगा। हथेलियों में भी कमल होंगे। सृष्टि विषयक कमल- दाहिने हाथ की बीच की अंगुली में…
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